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जी हा अब तक आप केवल 3-डी फ़िल्मों और वीडियो गेम के बारे में ही सुनते आए होंगे लेकिन
अब एक अख़बार ने भी 3-डी अंक प्रकाशित करने का प्रयोग किया है.बेल्जियम में फ़्रेच भाषा में छपने वाले एक अख़बार ने यूरोप का पहला 3-
डी (त्रिआयामी ) अंक प्रकाशित किया है.अख़बार ला डार्नियर ह्यूर (डीएच) ने अपने इस विशेषांक के सभी फ़ोटो और विज्ञापन को थ्रीडी प्रारूप में प्रकाशित
किया है. लेकिन इसकी शेष सामग्री सामान्य है.अख़बार के इस विशेषांक को मोटे कागज़ से बने हुए चश्मे की मदद से देखा जा सकता है.
महंगा अख़बारला डार्नियर ह्यूर के संपादक कहना है कि इस 3-डी अंक की लागत को देखते हुए इस तरह के और अंक छापे जाने की कोई
योजना नहीं है.फ़्रांस के विश्लेषकों ने अख़बार के इस साहसिक क़दम को सलाम किया है लेकिन कहा है कि यह अभी यह पूरी तरह
दोषरहित होने से काफ़ी दूर है.अख़बार के संपादक ह्यूबर्ट लेकलर्क ने बताया कि इस विशेषांक को तैयार करने में दो महीने का समय लगा.
यह सामान्य अख़बार की एक लाख 15 हज़ार प्रतियों के छापने में लगने वाले समय से बहुत अधिक था.लेकलर्क ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, ”हमने
3-डी सिनेमी, टीवी और वीडियो गेम के बारे में सुना था इसलिए हमने यह चुनौती स्वीकार की.”पीसी वर्ल्ड के फ़्रेच संस्करण के मुतबिक़ आँखों
से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर रखकर पाठक इसे आसानी से देख सकते हैं.इसके मुताबिक़ ”केवल कुछ मिनटों में ही आँखें थ्री डी तस्वीरों को
देखने की अभ्यस्त हो जाती हैं. इसके लिए किसी विशेष तरह के चश्मे की ज़रूरत नहीं होती.”पीसी वर्ल्ड के मुताबिक़ कुछ तस्वीरों, ख़ासकर विज्ञापनों
में अच्छा 3-डी प्रभाव है लेकिन बाकी की तस्वीरें अस्पष्ट हैं या उनको देखना कठिन है.चलिए ये खबर तो अच्छी है
लेकिन देखन ये है अपने भारतवर्ष में थ्री डी अखवार को छपने में कितन समय लगता है ।
लेकिन जरा सोचिये की स्टार्टिंग में थ्री डी अखवार को पड़ना कितना रोचक होगा मुझे अभी भी
याद जब हमने अपने दोस्तों के साथ पहली थ्री डी पिक्चर सिनेमा हॉल में देखी थी उसके लिए
मुझे अलग से एक चस्मा लेना पड़ा जिसकी सहायता से उसको देख पाए थे अबग देखो थ्री
डी अखवार को पढने का मज़ा भी कुछ अलग ही होगा ……
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