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कहा तक है क्रूक में सच्चाई ?

विज्ञान जगत और मेरा समाज
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हाल ही में एक फिल्म क्रूक रिलीज़ हुयी. जो कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय स्टुडेंट पर हो रहे हमलो को ध्यान में रखते हुए बनायीं गयी थी .
इस फिल्म के सुरुवात में तो कुछ सही दिखया गया है पर बाद में ये प्रदशित किया गया है कि गलती ऑस्ट्रेलिया वालो कि नहीं बल्कि हम भारतीय कि है क्या आप इस बात से सहमत है? दरअसल अगर हम इस फिल्म को केवल एक फ़िल्मी ड्रामे के नजरिये से देखे तो जैसो निर्देशक को सही लगा उन्होने किया लेकिन अगर वो इसमें सच्चाई उजागर करना चाह रहे है तो फिर इस फिल्म के माध्यम से ऑस्ट्रेलया में हो रहे भारतीय स्टुडेंट पर हमलो कि सच्चाई उजागर नहीं होती. हालकी मै इस फिल्म को गलत नहीं बता रह हूँ. इसमें जो अच्छा दिखया गया है वो ये है कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला एक भारतीय, एक ऑस्ट्रेलियन लड़की कि जान बचाता है .लेकिन एस फिल्म के अंत में चार बार इस बात को कहा गया है कि “गलत वो नहीं , गलत हम थे”. क्या ये सही है.? अगर आप इसको केवल फिल्म के नजरिये से देखे तो ये आपको सही लगेगा क्यों कि इसमें दिखाया गया है कि फिल्म का हिन्दुस्तानी बिलेन (जो कि ऑस्ट्रेलया वालो से नफरत करता था ) कि बहन एक ऑस्ट्रेलियन लड़के से प्यार करती थी और शादी से पहले एक बच्चा भी था ये जानते हुए भी कि बच्चा गिरवाने से उसकी बहन कि मौत भी हो सकती है फिर भी बिलेन अपनी बहन को मरने देता है.जो कि गलत था.

लेकिन क्या ये फिल्म वहा कि सचाई को उजागर करती है. ? जहा तक नहीं. हमारे देश में अन्य देशो के लोग रहते है, अन्य देशो के स्टुडेंट पड़ते है , यहाँ पर तो हम भारतीय कभी उन पर कोई हमले नहीं करते ,बल्कि उनका साथ देते है.ऑस्ट्रेलिया के लोगो को वहा रह रहे भी भारतीय स्टुडेंट कि मदद करनी चाहिए !

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