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आखिरकार अन्तरिक्ष के बड़ते हुए फैलाव को देखकर वैज्ञानिको को याद आ ही गए आइंस्टाइन जी

विज्ञान जगत और मेरा समाज
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अरे ओ छोटू !
हां भैया !
कुछ सुना तुने !
क्या भैया?
यही कि अब अन्तरिक्ष वैज्ञानिको को आइंस्टाइन जी कि याद आने लगी है।
भैया वो इसलिए कि उन्होने जो भविष्यवाणी की थी वो अब वैज्ञानिको को सच लगने लगी है .आखिरवो भी मान ही जायेंगे कि आइंस्टाइन जी भी गलत नहीं थे।
हां छोटू ऐसा ही होगा !

दरअसल ये पता लगा है कि दुनिया में कोई भी चीज स्थिर नहीं है। हम जिन सितारों को आकाश में जगमगाते देखते हैं वे भी लगातार एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। हाल ही में किए गए एक शोध में तो यह बात सामने आई है कि ब्रह्मांड के फैलाव में तेजी आ रही है, जिससे तारों के एक-दूसरे से दूर जाने की गती बढ़ रही है।
वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हब्बल स्पेस टेलीस्कोप के इस्तेमाल से हजारों आकाशगंगाओं का अध्ययन कर यह पता लगाने में सफलता हासिल कर ली है कि हमारा ब्रह्मांड तेजी से फैल रहा है। वैज्ञानिकों ने इस शोध से महान अंतरिक्ष विज्ञानी एल्बर्ट आइंस्टाइन की भविष्यवाणी सच साबित हुई है।
दरअसल आइंस्टाइन ने भविष्यवाणी की थी कि वक्त के साथ ब्रह्मांड के फैलाव में तेजी आएगी। इस शोध के लिए खगोल विज्ञान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय दल ने करीब 446,000 गैलेक्सियों का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में ब्रह्मांड में पदार्थ के बंटवारे को मापने और इसके फैलाव के इतिहास की सही जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। इस अनुसंधान के परिणाम में वैज्ञानिकों ने पाया कि समय के साथ ब्रह्मांड का फैलाव तेज होता जा रहा है।
शोध में शामिल नीदरलैंड की लेइडेन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक लुदोविक वान वाएरबेक ने कहा कि हमारे नतीजे इस और इशारा करते है कि ब्रह्मांड में ऊर्जा एक गुप्त स्त्रोत है जिसकी वजह से इसका फैलाव रफ्तार पकड़ रहा है।
आगे आगे अन्तरिक्ष कि बातो को देखो “आखिर अन्तरिक्ष कि पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त ”
चलते चलते आइंस्टाइन जी को बहुत बहुत धन्याद !

डायनामिक
कंप्यूटर साइंस

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