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क्या मानव जीवन की गुत्थी सुलझ चुकी है?

विज्ञान जगत और मेरा समाज
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काफी समय से मानव जीवन से सम्बन्धित रहस्यमय गुत्थी को सुलझाने में वैज्ञानिको ने काफी रीसर्च कीहै शायद ये उनकी महेनत का ही ही नतीजा है कि वो आज इस बात का दावा कर रहे है कि मानव जीवन कि गुत्थी अब सुलझ चुकी है । आओ जाने क्या कहते है आयरलैंड यूनीवर्सिटी के जीव वैज्ञानिक –
आयरलैंड के वैज्ञानिकों ने दो अरब साल पुरानी इस गुत्थी को सुलझाने का
दावा किया है कि आखिर जीवन की शुरुआत कैसे हुई होगी? नेशनल यूनिवर्सिटी
ऑफ आयरलैंड के शोधकर्ताओं के मुताबिक दो एकाकी कोशिकाओं ने एक साथ जुड़कर
धरती पर बहुकोशिका वाले जीवधारी को जन्म दिया होगा। वैज्ञानिक शब्दावली में इसे ‘नेचर्स बिग बैंग’ कहा जाता है। दो अरब वर्ष पहले ये घटना एक बार हुई थी जिसमें दो एकाकी कोशिकाओं से न्यूक्लियस वाली कोशिका की संरचना हुई। ‘न्यूक्लियस’ कोशिका का डीएनए और आरएनए वाला
हिस्सा होता है, जो प्रजनन और विकास के लिए जरूरी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि संभवत: इसी से प्रकृति का विकास हुआ होगा। इससे मानव के सबसे पुराने पूर्वज का पता लगाने में कामयाबी मिली है। कैसे किया शोध : -वैज्ञानिकों ने खमीर के जिनोम की मैपिंग से मिली जानकारी को आधार बनाया।
इससे विश्लेषण से एक यूकारयोटे में बैक्टीरिया की कोशिकाओं और लाखों
साल पुरानी कोशिकाओं के सबूत मिले। कीटाणु, जानवरों, पौधों और मानव को
यूकेरयोटे कहा जाता है। इनमें एक से ज्यादा कोशिकाएं होती हैं। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि यह ऐसा यूकेरयोटे था, जिसने ‘न्यूक्लियस’ के साथ आकार लिया था। इसका अर्थ यह हुआ कि खमीर बैक्टीरिया की कोशिका और लाखों साल पुरानी कोशिका की संतान थी। इस दृष्टि से हम उनके वंशज हैं।
‘इस न्यूक्लियस में हमे सभी प्रजातियों के डीएनए मिले हैं। यह हमेशा से गुत्थी रही है कि आखिर पहला न्यूक्लियस कैसे बना। अब हमें यह मालूम है।’ अब लोग इस पर विशवास करे या नहीं पर वैज्ञानिक इसे सिद्ध कर चुके हैं ।

डायनामिक
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