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जैसा कि विगत कुछ महीनो में देखने में आया है कि माता पिता द्वारा बच्चियों की हत्या करने में काफी बढोतरी हुयी है.मगर आखिर क्या कारण है कि हमारे देश में आये दिन ऐसे केश होते रहते है . अगर इस समस्या को लेकर भारत में एक सर्वे कराया जाये तो इस सम्बन्ध में विभिन्न लोगो के विभिन्न मत हो सकते है . मगर मेरे विचार से केवल इतना कह देना कि मात पिता बेटे कि चाह के लिए या केवल आर्थिक विवशता के कारण ऐसा करते है पर्याप्त नहीं है क्यों कि हमारे देश में काफी समय पहले से ही बेटियों के पैदा होने पर परिवार में वो खुशी नहीं छाती है जो एक लड़का होने पर छाती है इसके लिए जो उतरदायी है वो है हम लोगो कि सोच और हमारे देश क़ा माहौल और अज्ञानता और गाँव में शिक्षा कि कमी .खासकर गाँव में पहले से ही लडकियों को पदाया लिखाया नहीं ज़ाता था . और उनकी कम ऊम्र में शादी कर दी जाती थी. इतना ही नहीं जब शादी के बाद अगर लड़का नहीं होता तो उसमे भी ताने लड़की ( बहु ) को ही सुनने पड़ते थे .इसमे कोई शक नहीं कि आज भारत के हालत काफी हद तक बदल चुके है है आज कल लडकियों कि पदाई पर काफी ध्यान दिया जाता है और केवल घरेलु कामो तक सिमित ना रहकर सरकारी और प्राइवेट नौकरी भी कर रही है और हर क्षेत्र में सफलता के नये आयामों को छु रही है . फिर भी काफी जगह पर लडकियों को लेकर अभी भी वही स्थति बनी हुयी है जो काफी समय पहले थे उनकी सोच अभी भी वही है.
आईये अब जरा नज़र डालते है कुछ अन्य और महत्वपूरण बिन्दुओ पर जिनके कारण कही ना कही हर माँ बाप लड़की होने पर डरता है या उनको जायदा चिंता होने लगती है और इतनी ख़ुशी नहीं होती है जितनी कि लड़का होने पर होती है जो इस प्रकार है —
1 देश में बढती हुयी बलात्कार कि घटनाएं और लडकियों क़ा उत्पीडन . आये दिन ऐसे खबरे सुनने और पदने को मिल जाती है .इसकी रोक थाम के लिए सरकार ने काफी नियम , क़ानून बनाये है जिनको कुछ हद तक फोलो भी किया ज़ाता है पर फिर भी ये घटनाएं रोकने क़ा नाम नहीं ले रही है .
2 . आज के समय में दहेज क़ा काफी प्रचलन है लड़की के पैदा होते ही माँ बाप को ये चिंता सताने लगती है कि उसकी शादी में दहेज क़ा इंतजाम कहा से होगा और उसकी शादी एक अच्छे परिवार में हो उसको अच्छे सास ससुर और पति मिले .कही ऐसा ना हो कि दहेज के लालच में आकर उसके सा ससुर और पति उनकी बेटी को परेशान करे और अगर शादी के बाद उसके भी लड़की हुयी तो फिर तो और भी जायदा ताने सुनने पड़ेगे. दहेज के करान या फिर सास ससुर के परेसान करने के कारण भी इस देश की काफी बहूओ खुदखुशी कि है या फिर उनको मार दिया गया है.
3. कभी कभी लड़के लड़की द्वारा किया गया प्यार भी समाज में माँ बाप कि बदनामगी क़ा कारण बन ज़ाता है. अक्सर प्यार के कारण लड़के लडकियों को जान देनी पड़ जाती है या फिर उनको घर से निकाल दिया ज़ाता है या फिर ऐसी घटनाये सुनने में आती है कि लड़का लड़की एक दुसरे के साथ भाग जाते है .
तो उपरोक्त बिन्दुओ पर नज़र डाली जाये तो अधिकतर माँ बाप चाहेंगे कि उनके बेटी ना हो. मगर इसके लिए उतरदायी है हमारी सोच हमारे देश क़ा माहौल . हमको अपने माहौल को , अपनी सोच को सुधारना होगा. जो कि बहुत ही मुस्किल काम है भारत में . मगर इन सबका मतलब ये नहीं है कि अगर लड़की पैदा होती है तो उसकी हत्या कर दी जाये ! बल्कि माँ बाप को उसको भी ख़ुशी ख़ुशी अपनाना चाहिए और उसके लिए भी वो सब करना चाहिए जो लड़के के लिए करते है और ऐसा हो भी रहा है . अगर भविष्य में कभी कोई समस्या आती है तो समजदारी के साथ उसका हल निकालना चाहिए ना कि उसके लिए लडकियों को दोषी ठहराया जाये औरअंत में इतना और कहुगा कि लडकियों को भी अपनी समजदारी क़ा परिचय देना चाहिए और अपने दायित्वों को सही से निभाना चाहिए ऐसा मै इसलिए कहा रहा हू क्यों कि आगे चलकर लड़की ही माँ और सास बनती है ! अगर मै सच कहू तो इन अपराधिक घटनाओं को काफी हद तक केवल लड़की ही रोक सकती है . !!
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