विज्ञान जगत और मेरा समाज
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कल मै ने बात करते हुए कुछ लोगो को सुना जिस विषय पर वो बात कर रहे थे वो विषय था निर्मल दरवार मतलब वो लोग निर्मल बाबा जी के सत्संग उनके प्रवचन के बारे में बात कर रहे थे. मई उनका पूरा विवरण न बताते हुए कुछ संक्षेप में बता रहा हूँ जरा गौर फरमाए —
जय हो बाबा जी की …
अरे ओ कलुआ !
जी चाचा !
तू कुछ सुनत रहो की नाय !
क्या चाचा ? क्या भया ?
यही की निर्मल बाबा जी के दरवार में इस संसार के लोगो की सभी समस्या का समाधान है !
चाचा जब से उन्होने अपनी प्रोपर्टी और बैंक बैलेंस की सीबीआई द्वारा चेकिंग की खबर सुनी होगी तब से वो खुद अपनी इस समस्या का समाधान दूंदने में लगे होंगे की दरवार कही बंद ना हो जाए.?
हां कलुआ कुछ ऐसा ही होगा !
लगे रहो बाबा जी …………………….
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