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पहले अपने गिरेवान में झांके भारत के बाबा

विज्ञान जगत और मेरा समाज
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अरे ओ लल्लूलाल कछु सुनत रहो कि नाय !
क़ा चाचा? क़ा भया ?
यही कि बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने धरने पर बैठ गये है है और अपनी मागो के लिए उन्होने सरकार को ललकारा है !
चाचा मुझे तो बाबा के इस धरने और आन्दोलन से स्वार्थ की बू आ रही है, अगर भारत के बाबा लोग अपने गिरेवान में झांककर देखे तो बहुत कुछ असलियत सामने आएगी !
हाँ शायद ऐसा ही होगा !

इसमें कोई शक नहीं है कि कोंग्रेस सरकार के राज में काफी बड़े बड़े घोटाले किये मंत्रियो ने जैसे कि कोमन वेल्थ गेम , २ जी संचार घोटाला . ये सब भारत की जनता जानती है और इसके विरुद्ध है. और ये हम सभी के लिए एक शर्म कि बात है और सरकार के लिए भी . मगर मुझे अफ़सोस होता है कि हमारे देश में कुछ बाबा लोग भी है जो धर्म के नाम पर आम पब्लिक को लूट रहे है क्या ये सब बाबा लोगो के लिए शोभनीय है . मै बाबा रामदेव जी जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे है के इस कार्य कि प्रसंशा करता हूँ . मगर साथ ही साथ ये भी कहना चाहूँगा की आप कभी बाबा के योग शिविर में जाये सबसे आगे सीट पाने के लिए 2500 रूपये क़ा टिकेट होगा , उसके पीछे 2000 फिर 1500 फिर 1000 . क्या है ये सब ? और तो और आप इनकी कंपनी के प्रोडक्ट खरीदने जाये तो आपको असलियत पाता लगेगी . ये प्रोडक्ट लगत खर्च से कई गुना मूल्य पर बाज़ार में बिकते है इनसे कही सस्ते और फायदेमंद होते है और कंपनी के प्रोडक्ट . क्या है ये और क्यों? अभी कुछ माह पहले बाबा रामदेव कि कंपनी की कुल संपत्ति 1200 करोड़ रूपये पढ़ी थी मैंने ! कहा से आया इतना पैसा वो भी बाबा जी के पास ? .. अभी हाल ही क़ा केश ले लीजिये जब कांग्रेस सरकार ने सचिन जी को राज्य सभा क़ा सदस्य बनाया सब ने उनको बधाई दी सबको अच्छा लगा पर अपने बाबा रामदेव को ये भी गवारा नहीं हुआ उन्होने इसका विरोध किया आप लोगो ने पढ़ा होगा पेपर में.क्यों बाबा जी आपको बुरा क्यों लगा ? मुझे कुछ स्वार्थ की बू आती है ! आदरणीय बाबा रामदेव जी जब कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री जी घोटले में पकडे गये तब कहा गयी थी आपकी आवाज़ ! मै बाबा रामदेव जी क़ा सम्मान करता हू और मै भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हू ! मगर दूसरो को कहने से पहले हमको खुद अपने आप से ये पूछना चाहिए कि हम कहा तक सही है ?

चलिए ये तो बात हो गयी बाबा रामदेव जी की अब दुसरे बाबाओ कि बात करते है अभी मथुरा में बाबा जय गुरु देव जी क़ा निधन हो गया जब उनके जाने के बाद उनकी प्रोपर्टी क़ा हिसाब किताब लगे गया तो उसकी कीमत निकले १२००० करोड़ रूपये जैसा कि मै ने पेपर में पढ़ा था . अब आप खुद ही समज जाये के है ये सब ? मुझे समझाने कि जरूरत नहीं है. यही हाल बाबा निर्मल जी क़ा है उनके एक समरोह में जाने के लिए 3००० कि टिकेट है क्या है ये सब? ऐसे ही विर्न्दावन में देख लीजिये यहाँ पर भी बाबा लोगो ने गीता प्रवचन कथा को बिजनिस बन रखा है वो एक समारोह के 5 से 10 लाख लेते है . अभी हाल ही में किरपालु महाराज जी ने मथुरा में एक प्रेम मंदिर क़ा निर्माण करवाया जिसमे लगभग 5०० करोड़ से जायदा क़ा खर्च आ गया है क्या है ये सब कहा से आया ये पैसा ?

अगर आप ध्यान से सोचे कि एन बाबा लोगो को किस मने रहीस बनाया जो आज ए . सी . गाडियों में घूमते है वो भी इतने शुरक्षाकर्मियों के साथ जितने कि मंत्रियो को नसीब नहीं होती . तो आप को नज़र आएगा कि एन सभी बाबाओ के पास जो धन है वो सब भारत की जनता क़ा है और ये भारत कि जनता ही जो धर्म के नाम पर इन बाबाओ को अपनी कमाई क़ा पैसा लूटा देती है और बेचारी खुद परेसान रहती है ! “कुछ सत्य वचन मुझे याद रहा है कि हमारे देश में एक बड़े से बड़े सरकारी अध्यापक कि अधिकतम कमाई साल कि १५ लाख हो सकती है इस से जायदा नहीं , एक इंजीनीयर कि 4० से 5० लाख अधिकतम सालना , डॉक्टर की आप करोड़ में लगा सकते हो पर भारत में कुछ प्रमुख बाबाओं कि कमाई एक साल की 10 करोड़ से जायदा ही मिलेगी आपको. इसलिए जिसे पैसे कमाने हो बाबा बन जाओ , छोड़ो घरवार, चलो हरिद्वार ”

नोट : सभी पाठकगन से मेरा अनुरोध है कि वो मेरी इस पोस्ट को पढ़कर ये ना समझे कि मै बाबा रामदेव जी के इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई के विरुद्ध हूँ बल्कि मेरी ये पोस्ट भारत के सभी बाबाओ की रहिसियत को दर्शाती है . सोचने वाला सवाल है कि क्या ये भ्रष्टाचार नहीं है ? फिर भी अगर किसी को बुरा लगे तो मै क्षमा चाहूँगा !

डायनामिक
कंप्यूटर साइंस

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