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परसो 17 सितम्बर की शाम को जब एक चैराहे से होकर गुजरा , तो बस स्टॉप पर बैठे कुछ लोगो की चौकोड़ी में हाल ही में उत्तर प्रदेश की कुछ विधान सभाओ पर हुए उपचुनाव के नतीजों की चर्चाये सुनाई दे रही थी , सब अपनी अपनी बातो का आनंद ले रहे थे , मै भी उनकी बातो का आनद लेने के लिए कुछ देर तक वही बैठ गया . जो कुछ चर्चाये हुईं उसमे सबसे बढ़िया जो बाते मुझे लगी , उनको मै कुछ इस तरह से बया कर सकता हूँ !
पहला दुसरे से – देखा तुन्ने वो ” बी.जी. पी. से जो खड़ा था उस दिन कितना ढोल बजा बजा क , क रिया था की जीतेगा तो वोई , अब ले ले बाबू जी का ठूल्लू , फट गया ढोल . बड़े शौक से क रिया था उस दिन की मुझे माननीय मोदी जी , राजनाथ जी , अमित शाह जी क आशीर्वाद प्राप्त है मुझे जीतने से कोई नहीं रोक सकता . तुन्ने देखा था कुछ दिन पल्लै टी.वी.वाले वो जो खबर दिखा रिये थे अरे वोई जापान यात्रा वाली यार उसमे मैं ने देखा वहा वो बड़े जोर जोर स ढोल पीट रिया था , अबै इनको कोई समझाता क्यों न , पल्लै अपने घर की ढोलक ही पीट लो , वो तो इन स पीटी ना जाती , अपने घर में तो हर तरफ स लड़ाई करवा रखी हैगी , कोई सुख शान्ति वाले काम ना कर रखे हैंगे , कहीं मंदिर पै लॉउडस्पीकर को ले क दंगे करवा दिए , कहीं गुरुद्वारे की जमीन को ले क और मुजफरनगर के फैले दंगो को रोकने की बजाये उसमे घी डाल रिये थे और अब लव जिहाद के मसले को लोगो ले क लोगो को भटका रिये हैं और अब लोग इनके कारनामो से खुश नहीं हैंगे !
दूसरा पहले वाले से – सच कह रिये हो यार तुम मै तो सोच रिया था की यू .पी . म इन विधानसभा उप चुनाव मे इस बार भी लोकसभा के चुनाव की तरह सायकल की हवा निकल जागी , और कमल खिलेगा ! मगर कमल तो मुर्झा गिया यार और सायकल दौड़ गयी ! मगर मुझे खेल कुछ और ही दिखाई दे रिया है यार असली बात तुजे हम बताये दे , इस बार जो है वो इस मायावती ने खेल बिगाड़ दिया , वरना जीतता तो योई बी. जी.पी वाला , दुसरे नंबर पर आया है चुनाव के नतीजों में यो !
चौकड़ी मे बैठे बाकी लोग भी अपना अपना गणित लगा रहे थे खैर जो भी हो जब मै ने दुसरे वाले की बात सुनी तो मुझे कुछ दम लगा उसकी बात मे कुछ दम लगा . सच मे इन उपचुनावों मे बहन जी ने अपनी माया क कमाल दिखाया है , इन उपचुनावों मे बहन जी की भूमकी कुछ भगवान श्री कृष्ण जैसी रही है , जिस तरह से कृष्ण जी ने महाभारत के युद्ध मे बिना शस्त्र उड़ाए पांडवो को महाभारत क युद्ध जीतवा दिया था , वही काम बहन जी ने भी किया इन उपचुनावों मे अपनी पार्टी से कैंडिडेट खड़े किये बिना ही , सपा को बाजी जितवा दी. असल मे जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो बी.जी.पी ने उत्तर प्रदेश मे अपने दम पर 73 सीटें जीत कर बाजी मर ली थी . तब से बी.एस .पी. और एस .पी वाले दोनों ही घबरा गए थे थे की उनके घर पर अब किसी और क कब्ज़ा हो गया है . कुछ समय पहले ऐसी खबरे भी सुनने मे आ रही थी की शायद उत्तर प्रदेश मे आने वाले विधानसभा चुनावो को बी.एस.पी. और एस.पी मिलकर लड़ेगी और किसी भी कीमत पर बी.जी.पी की सरकार उत्तर प्रदेश मे नहीं बनने देगी. उनका मकसद बी.जी.पी को हराना है चाहे इसके लिए दुश्मन रहे लोगो को दोस्त क्यों न बनना पड़े . मुझे तो लगता है कि शायद इन उपचुनाव मे बहन जी और मुलायम जी ने इसी बात का एक परीक्षण कर के देखा है कि अगर हम मे से कोई एक ही अपने कैंडिडेट खड़े करे तो क्या हम बी.जी.पी को मात दे सकते हैं ? और दोस्तों नतीजा आपके सामने हैं अल्प्शंख्यक वर्ग के जो वोट बहन जी को जाते थे वो इन उपचुनावों मे बहन जी के कैंडिडेट न होने के कारण , सपा को गए हैं और सपा ने इन उपचुनावों मे बाजी मर ली है ! वाह मैदान मे आये बिना ,शस्त्र उठाये बिना ही खेल जितवा दिया !
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